सावन में बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए ढाई से 3 किलोमीटर चलना होगा पैदल, 5 से 6 घंटे का लगेगा वक्त
इस बार सावन का पहला सोमवार 14 जुलाई को पड़ रहा है और बाबा काशी विश्वनाथ के दर्शन के लिए काशी नगरी पूरी तरह तैयार है. इस बार श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए करीब ढाई से तीन किलोमीटर तक पैदल चलना होगा. पांच से छह घंटे तक इंतजार भी करना पड़ सकता है. अनुमान है कि सावन के इस पावन महीने में करीब डेढ़ करोड़ श्रद्धालु बाबा के दरबार में हाजिरी लगाएंगे.
इस बार सावन की शुरूआत 11 जुलाई से हो रही है. वहीं सावन का पहला सोमवार 14 जुलाई को पड़ रहा है. सावन के पावन महीने में द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक बाबा काशी विश्वनाथ के दरबार में डेढ करोड़ तक भक्त आ सकते हैं. इसको लेकर तैयारियां हो चुकी हैं. बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए भक्तों को घंटों का इंतजार करना पड़ सकता है. वहीं ढाई से तीन किलोमीटर तक चलना होगा. यहां स्टील की बैरिकेडिंग की जा रही है, जिससे होकर शिवभक्तों को विश्वनाथ धाम में एंट्री मिलेगी.
इसी के साथ गंगा द्वार से आने वाले श्रद्धालुओं को ढाई किलोमीटर तो दशाश्वमेध घाट से आने पर तीन किलोमीटर पैदल चलना पड़ेगा. बाबा के दरबार तक पहुंचने में घंटों तक का समय लगेगा. सावन को लेकर विश्वनाथ धाम में एंड टू एंड बैरिकेडिंग, जर्मन हैंगर, मिस्ट फैन, गुड़-पानी, ग्लूकोज, ORS, सूक्ष्म जलपान और बच्चों के लिए चाॅकलेज-टाॅफी की व्यवस्था की गई है. इसके अलावा सभी प्रकार के VIP दर्शन, विशेष दर्शन और स्पर्श दर्शन पर भी पूरे माह रोक रहेगी, ताकि आम श्रद्धालुओं को दिक्कत न हो. आरती के टिकट बुकिंग फुल हो चुके हैं.
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सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहा था धीरेंद्र
धीरेंद्र पिछले पांच साल से दिल्ली में रहकर यूपीएससी की सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहा था. वह करोल बाग स्थित एक पीजी में रह रहा था. गुरुवार को ही सोनभद्र से आया था और शुक्रवार को हादसा हो गया.
वहीं, धीरेंद्र की मौत से परिवार सदमे में है. बड़ी बहन ने रोते हुए कहा कि लापरवाही की वजह से मेरे भाई की जान चली गई. अगर समय पर उसे लिफ्ट से निकाल लिया जाता तो उसकी जान बच जाती.
धीरेंद्र ने भाई को मैसेज में कही थी ये बात
धीरेंद्र अपने बड़े भाई को लिफ्ट से मैसेज कर रहा था. उसने शाम 6 बजकर 51 मिनट पर पहला मैसेज वॉट्सऐप पर किया था. मैसेज में उसने लिखा था… “भइया”. वहीं दूसरा मैसेज भी तुरंत आया, जिसमें लिखा था कि मैं लिफ्ट में हूं “गैस गए है” करोल बाग मेगा मार्ट. इस मैसेज से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि कितनी घबराहट होगी धीरेंद्र के अंदर की वो फंस गए है कि जगह गैस गए हैं टाइप किया था. वहीं, आखिरी मैसेज भी इतने बजे ही धीरेंद्र ने किया था और कहा था कि अब सांस फूल रही कुछ करो.